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NCERT Sanskrit Class 10 Chapter 2 - बुद्धिर्बलवती सदा

Updated: Apr 27, 2024


द्वितीयः पाठः

बुद्धिर्बलवती सदा    


CBSE Sanskrit Textbook शेमुषी Shemushi Solutions (2024-25) Syllabus

NCERT Solutions for Class 10 Sanskrit Chapter 2 -   बुद्धिर्बलवती सदा    

Shemushi (शेमुषी) Part -2 द्वितीयो भागः - दशमकक्ष्यायाः संस्कृतपाठ्यपुस्तकम्
Textbook Questions and answers





द्वितीयः पाठः

 बुद्धिर्बलवती सदा


    प्रस्तुतः पाठः "शुकसप्ततिः" इति कथाग्रन्थात् सम्पादनं कृत्वा संगृहीतोऽस्ति । अत्र पाठांशे स्वलघुपुत्राभ्यां सह काननमार्गेण पितृगृहं प्रति गच्छन्त्याः बुद्धिमतीतिनाम्याः महिलायाः मतिकौशलं प्रदर्शितं वर्तते। सा पुरतः समागतं सिंहमपि भीतिमुत्पाद्य ततः निवारयति। इयं कथा नीतिनिपुणयोः शुकसारिकयोः संवादमाध्यमेन सद्वृत्तेः विकासार्थं प्रेरयति।

 

English Translation –

The chapter presented here is edited and collected from the storybook "Shuka Saptati". Here in the text, the intellectual skill of a woman named Buddhimati is demonstrated as she walks through the forest to her father's house with her two young sons. She also frightens the lion that has come in front of her and then stops her. This story inspires the development of good behaviors through the dialogue between ‘Shuka’ and ‘Saarik’, who are experts in ethics.

 

हिन्दी में अर्थ –

प्रस्तुत पाठ को कहानी पुस्तक "शुकसप्तति" से संपादित और संग्रहित किया गया है। यहाँ पाठ में बुद्धिमती नाम की एक महिला के बौद्धिक कौशल का प्रदर्शन किया गया है, जब वह अपने दो युवा बेटों के साथ जंगल से होकर अपने पिता के घर जाती है। वह अपने सामने आए शेर को भी डराती है और फिर रोक लेती है. यह कहानी नीतिशास्त्र के विशेषज्ञ 'शुक' और 'सारिक' के बीच संवाद के माध्यम से अच्छे आचरण के विकास की प्रेरणा देती है।

 

अस्ति देउलाख्यो ग्रामः। तत्र राजसिंहः नाम राजपुत्रः वसति स्म। एकदा केनापि आवश्यककार्येण तस्य भार्या बुद्धिमती पुत्रद्वयोपेता पितुर्गृहं प्रति चलिता। मार्गे गहनकानने सा एकं व्याघ्रं ददर्श । सा व्याघ्रमागच्छन्तं दृष्ट्वा धाष्ट्र्य्यात् पुत्रौ चपेटया प्रहृत्य जगाद - "कथमेकैकशो व्याघ्रभक्षणाय कलहं कुरुथः ? अयमेकस्तावद्विभज्य भुज्यताम्। पश्चाद् अन्यो द्वितीयः कश्चिल्लक्ष्यते।"

 English Translation –

There is a village called Deula. There lived a prince named Raj Singh. Once his wife Budhimati with two sons went to her father's house for some necessary business On the way, in the deep forest, she saw a tiger. When she saw the tiger coming, she struck her two sons with a slap and said, "Why do you quarrel about eating a tiger for each? Divide this one up and eat it. The other (second) one will be found later.”

 हिन्दी में अर्थ –

देउला नाम का एक गांव है. वहाँ राज सिंह नाम का एक राजकुमार रहता था। एक बार उनकी पत्नी बुद्धिमती दो पुत्रों के साथ किसी आवश्यक कार्य से अपने पिता के घर गई, रास्ते में घने जंगल में उन्हें एक बाघ दिखाई दिया। जब उसने बाघ को आते देखा, तो उसने अपने दोनों बेटों को थप्पड़ मारा और कहा, "तुम एक-एक बाघ को खाने के लिए झगड़ा क्यों करते हो? इसे बांटकर खाओ। दूसरा बाद में मिलेगा।"

 

 

इति श्रुत्वा व्याघ्रमारी काचिदियमिति मत्वा व्याघ्रो भयाकुलचित्तो नष्टः।

 English Translation –

On hearing this the tiger lost his mind in fear thinking that it was some ‘tiger killer.’

 यह सुनकर बाघ यह सोचकर डर गया कि यह कोई 'बाघ हत्यारा' है।

 

निजबुद्ध्या विमुक्ता सा भयाद् व्याघ्रस्य भामिनी।

अन्योऽपि बुद्धिमाँल्लोके मुच्यते महतो भयात्॥

 English Translation –

The beautiful lady overcame the fear of the tiger by her own intelligence.

Even another wise man in this world is set free from great fear.

 हिन्दी में अर्थ –

सुन्दर महिला ने अपनी बुद्धिमत्ता से बाघ के डर से मुक्त हुई थी।

इस संसार में एक बुद्धिमान व्यक्ति भी महान भय से मुक्त हो जाता है।

 

भयाकुलं व्याघ्रं दृष्ट्वा कश्चित् धूर्तः शृगालः हसन्नाह- "भवान् कुतः भयात् पलायितः?"

 English Translation –

Seeing the frightened tiger, a cunning jackal laughed and said, "Where did you run away from fear?"

 हिन्दी में अर्थ –

भयभीत बाघ को देखकर एक चालाक सियार हँसा और बोला, “तुम डर के मारे कहाँ भाग गये थे?”

 

व्याघ्रः- गच्छ, गच्छ जम्बुक ! त्वमपि कञ्चिद् गूढप्रदेशम्। यतो व्याघ्रमारीति या शास्त्रे श्रूयते तयाहं हन्तुमारब्धः परं गृहीतकरजीवितो नष्टः शीघ्रं तदग्रतः।

English Translation –

Tiger: Go, go, Jambuk!

You too go to some hidden region. Because, the ‘tiger killer’, which is heard in the scriptures, began to kill me, but I quickly ran away from her holding my life in my hands.

 हिन्दी में अर्थ –

बाघ: जाओ, जाओ, सियार!

तुम भी किसी गुप्त प्रदेश की ओर जाओ । क्योंकि शास्त्रों में सुना गया 'व्याघ्र हत्यारा' मुझे मारने लगा, परंतु मैं शीघ्र ही अपनी जान हथेली पर लेकर उसके पास से भाग गया।

 

शृगालः - व्याघ्र ! त्वया महत्कौतुकम् आवेदितं यन्मानुषादपि बिभेषि ?

 English Translation –

Jackal - Tiger! It is a wonder that you are afraid of even a human being.

 हिन्दी में अर्थ –

सियार -  बाघ ! यह आश्चर्य की बात है कि आप एक इंसान से भी डरते हैं?

 

व्याघ्रः- प्रत्यक्षमेव मया सात्मपुत्रावेकैकशो मामत्तुं कलहायमानौ चपेटया प्रहरन्ती दृष्टा।

English Translation –

Tiger: I saw her beating her two sons one by one while they were fighting to eat me.

हिन्दी में अर्थ –

बाघ -  मैंने देखा कि वह अपने दो बेटों को एक-एक करके पीट रही थी, जबकि वे मुझे खाने के लिए लड़ रहे थे।

 

जम्बुकः- स्वामिन् ! यत्रास्ते सा धूर्ता तत्र गम्यताम्। व्याघ्र ! तव पुनः तत्र गतस्य सा सम्मुखमपीक्षते यदि, तर्हि त्वया अहं हन्तव्यः इति।

English Translation –

Jackal - My lord! Go wherever that sly woman is. Tiger! If she even faces you when you go there again, you should kill me.

हिन्दी में अर्थ –

सियार - महाराज ! वह धूर्त स्त्री जहां भी हो, वहां जाओ । बाघ! यदि दोबारा वहाँ जाने पर वह तुमसे सामना भी करे तो तुम्हें मुझे मार डालना चाहिए।

 

व्याघ्रः- शृगाल ! यदि त्वं मां मुक्त्वा यासि तदा वेलाप्यवेला स्यात्।

English Translation –

Tiger - Jackal! If you let me go then the time would be bad time.

 हिन्दी में अर्थ –

बाघ - सियार! यदि तुमने मुझे जाने दिया तो समय असमय हो जायेगा।

 

जम्बुकः- यदि एवं तर्हि मां निजगले बद्ध्वा चल सत्वरम्। स व्याघ्रः तथा कृत्वा काननं ययौ। शृगालेन सहितं पुनरायान्तं व्याघ्रं दूरात् दृष्ट्वा बुद्धिमती चिन्तितवती - जम्बुककृतोत्साहाद् व्याघ्रात् कथं मुच्यताम् ? परं प्रत्युत्पन्नमतिः सा जम्बुकमाक्षिपन्त्यङ्गुल्या तर्जयन्त्युवाच –

 English Translation –

Jackal - If so, tie me in your arms and move quickly. The tiger did so and went into the forest.

Seeing the tiger returning with the jackal from a distance, Budhimati thought, 'How can I get rid of the coming tiger because of the enthusiasm of the Jackal?' But with her brave mind, she pointed her finger toward the jackal and threatened him saying -

 हिन्दी में अर्थ –

सियार - अगर ऐसा है तो मुझे अपनी बांहों में बांध लो और जल्दी से चलो। बाघ ने वैसा ही किया और जंगल में चला गया।

दूर से बाघ को सियार के साथ लौटते देखकर बुद्धिमती ने सोचा, 'सियार के उत्साह के कारण आने वाले बाघ से कैसे छुटकारा पा सकती हूँ?' लेकिन जल्दी ही, उसने सियार की ओर अपनी उंगली उठाई और उसे धमकी देते हुए कहा -

 

रे रे धूर्त त्वया दत्तं मह्यं व्याघ्रत्रयं पुरा ।

विश्वास्याद्यैकमानीय कथं यासि वदाधुना ।।

इत्युक्त्वा धाविता तूर्णं व्याघ्रमारी भयङ्करा ।

व्याघ्रोऽपि सहसा नष्टः गलबद्ध शृगालकः ।।

 

English Translation –

Oh, oh, you sly one, you gave me three tigers in the past.

Tell me now how you are going to escape from here by just bringing me one tiger.

Having said this, the terrible ‘tiger killer’ (Budhimati) ran away at once, as if she is going to kill the tiger and the jackal.

The tiger also suddenly disappeared with the fox tied around his throat

 हिन्दी में अर्थ –

अरे ! धूर्त ! पहले तुमने मुझे तीन बाघ दिए थे।

अब मुझे बताओ कि तुम मेरे लिए केवल एक बाघ लाकर यहां से कैसे बच जाओगे।

इतना कहकर भयानक 'व्याघ्रहत्यारी' (बुधिमती) तुरंत भाग गई, जैसे कि वह बाघ और सियार को मारने जा रही है।

गले से बांधा हुआ सियार को लेकर, बाघ भी अचानक गायब हो गया ।

 

एवं प्रकारेण बुद्धिमती व्याघ्रजाद् भयात् पुनरपि मुक्ताऽभवत्। अत एव उच्यते-

 बुद्धिर्बलवती तन्वि सर्वकार्येषु सर्वदा।।

English Translation –

In this way, Budhimati was set free from the fear of the tiger. Hence, it is said:

Intelligence is always strong in all actions.

 हिन्दी में अर्थ –

इस प्रकार बुद्धिमती बाघ के भय से मुक्त हो गयी। इसलिए, यह कहा जाता है:

सभी कार्यों में बुद्धि सदैव प्रबल रहती है।



NCERT Exercise Solutions

CBSE Sanskrit Textbook शेमुषी Shemushi Solutions (2024-25)

अभ्यासः


1.एकपदेन उत्तरं लिखत

(क) बुद्धिमती कुत्र व्याघ्रं ददर्श ?

उत्तरम् - गहनकानने।


(ख) भामिनी कया विमुक्ता?

उत्तरम् - निजबुद्ध्या।


(ग) सर्वदा सर्वकार्येषु का बलवती?

उत्तरम् - बुद्धिः।


(घ) व्याघ्रः कस्मात् बिभेति?

उत्तरम् - मानुषात्।


(ङ) प्रत्युत्पन्नमतिः बुद्धिमती किम् आक्षिपन्ती उवाच?

उत्तरम् - जम्बुकम्।


2.अधोलिखितानां प्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतभाषया लिखत –


(क) बुद्धिमती केन उपेता पितुर्गुहं प्रति चलिता?

उत्तरम् - बुद्धिमती पुत्रद्वयोपेता पितुर्गृहं प्रति चलिता।


(ख) व्याघ्रः किं विचार्य पलायितः ?

उत्तरम् - व्याघ्रमारी काचिदियमिति विचार्य व्याघ्रः पलायितः।


(ग) लोके महतो भयात् कः मुच्यते?

उत्तरम् - लोके महतो भयात् बुद्धिमान् मुच्यते।


(घ) जम्बुकः किं वदन् व्याघ्रस्य उपहासं करोति ?

उत्तरम् -“त्वम् मानुषादपि विभेषि?” इति वदन् जम्बुक- व्याघ्रस्य उपहासं करोति।


(ङ) बुद्धिमती शृगालं किम् उक्तवती?

उत्तरम् - “रे धूर्त ! त्वया मह्यं पुरा व्याघ्रत्रयं दत्तम्। विश्वास्याद्यैकमानीय कथं यासि वदाधुना।“ इति बुद्धिमती शृगालम् उक्तवती।


3.स्थूलपदमाधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत


(क) तत्र राजसिंहो नाम राजपुत्रः वसति स्म।

उत्तरम् - तत्र किम् नाम राजपत्रः वसति स्म?

 

(ख) बुद्धिमती चपेटया पुत्रौ प्रहृतवती।

उत्तरम् - बुद्धिमती कया पुत्रौ प्रहृतवती?

 

(ग) व्याघ्रं दृष्ट्वा धूर्तः शृगालः अवदत्।

उत्तरम् - कं दृष्ट्वा धूर्तः शृगालः अवदत् ?

 

(घ) त्वम् मानुषात् विभेषि।

उत्तरम् - त्वम् कस्मात् विभेषि?

 

(ङ) पुरा त्वया मह्यं व्याघ्रत्रयं दत्तम्।

उत्तरम् - पुरा त्वया कस्मै व्याघ्रत्रयं दत्तम् ?


4. अधोलिखितानि वाक्यानि घटनाक्रमानुसारेण योजयत

(क) व्याघ्रः व्याघ्रमारी इयमिति मत्वा पलायितः।

(ख) प्रत्युत्पन्नमतिः सा शृगालं आक्षिपन्ती उवाच।

(ग) जम्बुककृतोत्साहः व्याघ्रः पुनः काननम् आगच्छत्।

(घ) मार्गे सा एकं व्याघ्रम् अपश्यत्।

(ङ) व्याघ्रं दृष्ट्वा सा पुत्रौ ताडयन्ती उवाच-अधुना एकमेव व्याघ्रं विभज्य भुज्यताम्।

(च) बुद्धिमती पुत्रद्वयेन उपेता पितुर्गृहं प्रति चलिता।

(छ) ‘त्वं व्याघ्रत्रयम् आनेतुं’ प्रतिज्ञाय एकमेव आनीतवान्।

(ज) गलबद्धशृगालक- व्याघ्रः पुनः पलायितः।


उत्तरम् -

  1. (च) बुद्धिमती पुत्रद्वयेन उपेता पितुर्गृहं प्रति चलिता।

  2. (घ) मार्गे सा एकं व्याघ्रम् अपश्यत्।

  3. (ङ) व्याघ्रं दृष्ट्वा सा पुत्रौ ताडयन्ती उवाच-अधुना एकमेव व्याघ्रं विभज्य भुज्यताम्।

  4. (क) व्याघ्रः व्याघ्रमारी इयमिति मत्वा पलायितः।

  5. (ग) जम्बुककृतोत्साहः व्याघ्रः पुनः काननम् आगच्छत्।

  6. (ख) प्रत्युत्पन्नमतिः सा शृगालं आक्षिपन्ती उवाच।

  7. (छ) ‘त्वं व्याघ्रत्रयम् आनेतुं’ प्रतिज्ञाय एकमेव आनीतवान्।

  8. (ज) गलबद्धशृगालकः व्याघ्रः पुनः पलायितः।


5. सन्धि/सन्धिविच्छेदं वा कुरुत


(क) पितुर्गृहम् - .......... + ..........

(ख) एकैकः - .......... + .........

(ग) ............ – अन्यः + अपि

(घ) ........... – इति + उक्त्वा

(ङ) ........... – यत्र + आस्ते


उत्तराणि -

(क) पितुर्गृहम् – पितुः + गृहम् 

(ख) एकैकः – एक + एकः 

(ग) अन्योऽपि – अन्यः + अपि

(घ) इत्युक्त्वा – इति + उक्त्वा

(ङ) यत्रास्ते – यत्र + आस्ते


6. अधोलिखितानां पदानाम् अर्थः कोष्ठकात् चित्वा लिखत –

(क) ददर्श – (दर्शितवान्, दृष्टवान्)

(ख) जगाद – (अकथयत्, अगच्छत्)

(ग) ययौ – (याचितवान्, गतवान्)

(घ) अत्तुम् – (खादितुम्, आविष्कर्तुम्)

(ङ) मुच्यते – (मुक्तो भवति, मग्नो भवति)

(च) ईक्षते – (पश्यति, इच्छति)


उत्तराणि -

(क) दृष्टवान्

(ख) अकथयत्

(ग) गतवान्

(घ) खादितुम्

(ङ) मुक्तो भवति

(च) पश्यति


7.(अ) पाठात् चित्वा पर्यायपदं लिखत –

(क) वनम् - ___________

(ख) शृगालः - ___________

(ग) शीघ्रम् - ___________

(घ) पत्नी - ___________

(ङ) गच्छसि - ___________


उत्तराणि -

(क) वनम्  काननम् 

(ख) शृगालः – जम्बुक-

(ग) शीघ्रम् – तूर्णम्/सत्वरम्

(घ) पत्नी – भार्या 

(ङ) गच्छसि – यासि 


(आ) पाठात् चित्वा विपरीतार्थकं पदं लिखत

(क) प्रथमः - ___________

(ख) उक्त्वा - ___________

(ग) अधुना - ___________

(घ) अवेला - ___________

(ङ) बुद्धिहीना - _________


उत्तराणि -

(क) प्रथमः – द्वितीयः 

(ख) उक्त्वा – बद्ध्वा 

(ग) अधुना – तदा 

(घ) अवेला – वेला

(ङ) बुद्धिहीना – बुद्धिमती 


English and Hindi ( हिन्दी ) Translation of Chapter 2 -   बुद्धिर्बलवती सदा

 
 
 

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